Thursday 22 February 2018

पागल हुई रसोई --देवेन्द्र कुमार--बाल गीत



पागल हुई रसोई---बाल गीत—--देवेन्द्र कुमार
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मां गुस्सा थी सारे घर से
पागल हुई रसोई

पापा ने जब गैस जलाई
खुद ही पानी डाल बुझाई
डिब्बा-डिब्बा ढूंढ़ थके हम
चीज मिली न कोई

सब कुछ उलट पलट कर डाला
गिरा दूध में गरम मसाला
मुन्नी ने जो घूंट भरा तो
चीख-चीख कर रोई

मैंने गरम तवा खिसकाया
पापा ने भी हाथ जलाया
चीख-पुकार मची थी घर में
काम हुआ न कोई

पापा ने आवाज़ लगाई
मम्मीजी तब उठ कर आईं  
दोनों की आँखें कुछ बोलीं
हंसने लगी रसोई। ======

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